आपके स्मार्टफोन की उम्र खत्म हो जाने के बाद उसका क्या होता है?
हम सभी स्मार्टफोन इस्तेमाल करते हैं और हमेशा अपने पास लेटेस्ट फोन ही रखना चाहते हैं. इस वजह से हर घर में कबाड़ का रुप ले चुके पुराने स्मार्टफोन की संख्या बढ़ती जा रही है.
कबाड़ बन चुके स्मार्टफोन पर्यावरण के लिए एक बड़ी चुनौती हैं (फोटो- Pixabay).
कबाड़ बन चुके स्मार्टफोन पर्यावरण के लिए एक बड़ी चुनौती हैं (फोटो- Pixabay).
हम सभी स्मार्टफोन (Smartphone) इस्तेमाल करते हैं और हमेशा अपने पास लेटेस्ट फोन ही रखना चाहते हैं. इस वजह से हर घर में कबाड़ का रुप ले चुके पुराने स्मार्टफोन की संख्या बढ़ती जा रही है और भारत में ई-वेस्ट एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है. इस समय भारत दुनिया में ई-वेस्ट पैदा करने वाला दुनिया का चौथा सबसे बड़ा देश है. इसका असर हमारे पर्यावरण और सेहत पर पड़ रहा है क्योंकि हम ई-वेस्ट (e-waste) जनरेट तो बहुत कर रहे हैं, लेकिन उसके मैनेजमेंट और प्रॉसेसिंग की समुचित व्यवस्था हमारे यहां है नहीं.
ऐसे में एक सवाल ये है कि इस्तेमाल बंद करने के बाद स्मार्टफोन का होता क्या है. वेबसाइट वेदर डॉट कॉम के एक लेख के मुताबिक स्मार्टफोन में कॉपर, सोना, चांदी, पैलेडियम और जिंक जैसी दुर्लभ धातुओं का इस्तेमाल होता है. इसके अलावा लेड, निकिल और बेरिलियम जैसे जहरीले तत्व भी इसमें रहते हैं. एलसीडी में ग्लास और मरकरी का इस्तेमाल होता है. स्मार्टफोन करीब 70% हिस्से को रिसाइकल किया जा सकता है, लेकिन अपर्याप्त ई-वेस्ट मैनेजमेंट के कारण ऐसा हो नहीं पाता. रिसाइकिल नहीं हो पाने के कारण खदानों से इन दुर्लभ धातुओं का और अधिक मात्रा में दोहन करना पड़ता है.
भारत में सुरक्षित और एनवायरमेंट फ्रैंडली रिसाइकिलिंग की व्यवस्था है, लेकिन ये पर्याप्त नहीं है. ज्यादातर रिसाइकलिंग असंगठित क्षेत्र में होती है और वे ऐसी प्रक्रिया अपनाते हैं, जो पर्यावरण के लिए नुकसानदेह है. भारत में 98 प्रतिशत रिलाइकलिंग इसी तरह होती है. इस प्रक्रिया में कबाड़ी ई-वेस्ट को इकट्ठा करके रिसाइकलिंग करने वालों को देते हैं. वो फोन को तोड़कर कीमती घातुओं को निकालते हैं. कीमती धातुओं को निकालने के लिए उन्हें एसिड बाथ कराया जाता है, जिससे जहरीला वायु प्रदूषण होता है. साथ ही जहरीले तत्व भी बच जाते हैं.
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इसलिए जरूरी है कि अगली बार जब आप किसी स्मार्टफोन या किसी ई-वेस्ट को अपने पास से विदा करें, तो उसे किसी पेशेवर रिसाइकलिंग करने वाले को दें. ऐसा करके आप पर्यावरण नुकसान होने से बचा लेंगे. इसके लिए कई टेलीकॉम कंपनियों ने ड्रॉप-ऑफ लोकेशन बनाए हैं, जहां आप अपने पुराने बेकार स्मार्टफोन को छोड़ सकते हैं.
09:04 PM IST